देहरादून एवं हरिद्वार जनपद में वाहन दुर्घटनाओं पर नियंत्रण हेतु तेज रफ्तार से चलने वाली वाहनों के विरूद्ध आरटीओ शैलेश तिवारी के निर्देशन पर एआरटीओ(प्रवर्तन) एवं परिवहन कर अधिकारी, सचल दल/इंटरसेप्टर दल द्वारा देहरादून एवं हरिद्वार जनपद के प्रमुख मार्गों पर चैकिंग अभियान चलाया गया।
कैसे होता है ओवर स्पीड का चालान:
इंटरसेप्टर के स्पीड रडारगन में चैकिंग स्थल पर अधिकतम गति सीमा फीड की जाती है। कैमरे से वाहन पर फोकस किया जाता है जिसमें वाहन की रफ्तार दर्ज होती है। सीमा से अधिक रफ्तार होने पर स्पीडरडारगन द्वारा इसकी रिपोर्ट फोटो, नम्बर प्लेट एवं स्पीड सहित दर्ज कर दी जाती है जिसको प्रिंटर कर ई-चालान साॅफ्टवेयर में दर्ज कर चालान निर्गत किया जाता है।
ओवर स्पीड करते पाये जाने पर रू0 2000 जुर्माना एवं 03 माह के लिए लाईसेंस निलंबन होगा।
देहरादून जनपद में ओवर स्पीड करते पाये जाने पर 219 वाहनों के चालान किये गये।
एआरटीओ(प्रवर्तन) राजेन्द्र विराटिया की अगुवाई में सुश्री अनुराधा पन्त, श्वेता रौथाण एवं एम डी पपनोई परिहवन कर अधिकारी की टीम द्वारा कुंआवाला, हरिद्वार बाईपास एवं सहारनपुर मार्ग पर अभियान चलाया गया । अभियान के तहत 90 वाहनों के ओवर स्पीड में चालान किये गये।
ऋषिकेश में एआरटीओ मोहित कोठारी द्वारा हरिद्वार मार्ग एवं देहरादून मार्ग पर चलाये गये अभियान के तहत 72 वाहनों के ओवर स्पीड में चालान किये गये।
विकासनगर क्षेत्र में रावत सिंह, एआरटीओ प्रवर्तन, परिवहन कर अधिकारी, महावीर सिंह नेगी की टीम द्वारा शिमला बाईपास मार्ग पर चलाये गये अभियान के तहत 57 वाहनों के चालान किये गये।
हरिद्वार जनपद में चलाये गये अभियान के तहत 102 वाहनांे के ओवर स्पीड में चालान किये गये।
हरिद्वार में रश्मि पन्त एआरटीओ प्रवर्तन की अगुवाई में चले अभियान के तहत 53 वाहनांे के ओवर स्पीड में चालान किये गये।
वही रूड़की में कृष्ण चन्द्र, एआरटीओ रूड़की की टीम द्वारा चलाये गये अभियान में 49 वाहनों के ओवर स्पीड मंे चालान किये गये।
परिवहन विभाग द्वारा राज्य के सीमावर्ती मुख्य मार्गों आशारोड़ी, कुल्हाल, चिड़ियापुर एवं नारसन पर लगाये गये ए0एन0पी0आर0 कैमरे से भी वाहनों की स्पीड पर निगरानी रखी जा रही है।