देहरादून:- देहरादून की वरिष्ठ इंडोक्रिनोलॉजिस्ट (हॉरमोन रोग विशेषज्ञ) डॉ सोनल श्रीवास्तव ने बताया कि हॉरमोन और मेटाबोलिज्म संबंधित बीमारियों में सबसे कॉमन होती हैं। डायबिटीज,थाइरोइड, PCOS और मेटाबोलिक सिंड्रोम। ये सभी बीमारियाँ हमारे देश और राज्य में पिछले दस साल में दुगनी हो गई हैं और अगले दस साल में और बढ़ने की संभावना है।दस में से दो व्यक्तियों को diabetes या pre-diabetes हो रहा है। दस में से एक व्यक्ति को thyroid dysfunction हो रहा है ।दस में से दो युवतियों को PCOS या hormone problems हो रही हैं। दो में से एक व्यक्ति को मोटापा या metabolic syndrome हो रहा है।
दस साल पहले ये बीमारियाँ ज्यादातर 35 की उम्र के बाद होती थीं अब lifestyle गड़बड़ होने के कारण ये teenagers और बच्चों में भी होने लगी हैं । और ये सभी बीमारियाँ chronic होती हैं। सही समय पर इनका diagnosis हो जाये और सही treatment लिया जाये regular monitoring और विशेषज्ञ की सलाह में चला जाये तो व्यक्ति normal healthy life जी सकता है ।
Diabetes के पहले की stage होती है pre-diabetes। अगर इस stage पर diagnosis और विशेषज्ञ की सलाह से सही treatment करवाया जाय तो reverse किया जा सकता है और diabetes से बचा जा सकता है।
Stress, sedentary lifestyle, excessive smartphone use और unhealthy diet इन सब बीमारियों के बढ़ने का मुख्य कारण है। बचपन से ही हॉरमोन सिस्टम पर असर दिखने लगा है और बच्चों में growth और puberty संबंधित समस्यायें तेज़ी से बढ़ रही हैं।
इन सबसे बचाव के लिये healthy lifestyle और awareness बहुत ज़रूरी है। जागरुक रहेंगे तो शुरुआती समय पर विशेषज्ञ से परामर्श करके हॉर्मोन समस्याओं को ठीक कर पायेंगे।
लंबे समय तक शुगर बढ़ी रहने से किडनी, हृदय, नसों और आँखों पर irreversible प्रभाव पड़ता है इसलिये diabetes के मरीज़ों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिये और sugar, HbA1c के साथ BP, Cholestrol, Thyroid, creatinine, हृदय और आँखों की भी regular जाँच करवानी चाहिये क्योंकि ये सब complications diabetes से related होते हैं।
Social media और internet पर बहुत सारी भ्रामक जानकारियाँ तेज़ी से फैल रही हैं और बहुत से unauthorised unqualified लोग diabetes thyroid की दवाई छुड़वाने के दावे कर रहे हैं । जिन पर विश्वास करके लोग अपनी दवाइयाँ बंद कर देते हैं जिससे शुगर और thyroid पहले से भी ज्यादा uncontrolled हो जाता है। ये सब जटिल बीमारियाँ हैं जो थोड़े समय भी uncontrolled रहने से शरीर पर vital organs पर irreversible damage करती हैं। उसी तरह PCOS का सही समय पर सही इलाज होने से infertility से बचा जा सकता है। PCOS में Diabetes, BP और Thyroid dysfunction का भी risk होता है क्योंकि सारे hormones एक दूसरे से related होते हैं एक दूसरे पर प्रभाव डालते हैं। इसलिये PCOS मे सिर्फ period regular लाना, diabetes में सिर्फ sugar control करना, thyroid में सिर्फ normal test लाना ही काफ़ी नहीं होता। एक स्पेशलिस्ट या सुपर-स्पेशलिस्ट डॉक्टर सभी systems की जानकारी रखता है, साथ ही उस system और उस बीमारी का गहन अध्ययन, वर्षों तक उसमें प्रशिक्षण और उसके बाद कई वर्षों के अनुभव होने के कारण वही समय रहते बीमारी से बचाव या कंट्रोल करने में आपका बेहतर सहायक होगा ।
सबसे महत्वपूर्ण है अपनी lifestyle healthy बनायें।Healthy habits बचपन से ही बच्चों में develop होंगी तो बेहतर बचाव होगा। Smartphone का use limited रखें, लगातार sitting avoid करें, अगर ज़रूरी है बहुत देर एक जगह बैठना तो हर थोड़ी देर में खड़े हो कर थोड़ा stretching या movement करें। Sleep cycle को body की circadian rhythm के according रखने से hormones balanced रहते हैं इसलिये जल्दी सोने की और जल्दी उठने की आदत डालें। ताजे फल, सब्ज़ी का सेवन बढ़ायें और चीनी, मैदा, तला हुआ और packaged food avoid करें। Alcohol बहुत नुक़सान करती है empty calories के साथ लिवर और metabolism पर बहुत effect डालती है। Excessive non-veg खाने वालों को भी hormone imbalance ज़्यादा होने की संभावना होती हैं। Pure vegetarian food से भी protein की requirement पूरी की जा सकती है साथ ही वो ज्यादा healthy रहता है। रोज अगर कम से कम चार किलोमीटर walk करें, योग प्राणायाम करें, साथ ही stress management के लिये meditation करें तो ये सारी बीमारियाँ होने की risk कई गुना घट जाती है और अगर ये बीमारी किसी को हैं तो बहुत बेहतर कंट्रोल में रहती हैं, complications से बचाव संभव हो जाता है।